पेड़ लगाओ तुम ….
तपती धरती कर रही पुकार,
पेड़ लगाओ तुम अबकी बार ,
आओ पेड़ लगाए हम एक,
यह काम करें मिलकर नेक,
पेड़ो से ही सबका जीवन है,
पेड़ो से तन मन और धन है,
तपती धरती कर रही पुकार,
पेड़ लगाओ तुम अबकी बार ,
कटते जंगल चिंता की बात,
खतरे में है सारी कायनात,
धूल धुंए से प्रदूषण चहुंओर,
गर्मी दे रही सबको झकझोर,
तपती धरती कर रही पुकार,
पेड़ लगाओ तुम अबकी बार ,
पेड़ लगाकर करें देखभाल,
भरे रहेंगे फिर कूप ताल,
हरी भरी होगी अपनी धरा,
सुन लीजिए यह बात जरा,
तपती धरती कर रही पुकार,
पेड़ लगाओ तुम अबकी बार ,