*पेड़ (पाँच दोहे)*
पेड़ (पाँच दोहे)
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( 1 )
पेड़ हमारी जिंदगी , धरती का आधार
पेड़ों से ही चल रहा , यह सारा संसार
( 2 )
पानी पेड़ों को मिले ,अच्छी-अच्छी खाद
अपनापन इंसान का , पाएँ उसके बाद
( 3 )
मुरझाए यदि पेड़ तो , धरती रेत-समान
दुनिया यह हो जाएगी ,बिल्कुल ही शमशान
( 4 )
पेड़ हमें फल दे रहे ,ऑक्सीजन बिन – दाम
इनसे बढ़कर मित्र – सा ,बोलो किसका काम
( 5 )
पेड़ों ने जग को दिया ,मौसम सुंदर साफ
पेड़ – विरोधी को कभी ,कुदरत करे न माफ
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451