पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाले अधिकारी कर्मचारी शायद भूल जाते हैं,कि एक दिन उन्हें भी जाना है।भ़ष्टाचारियों की तो आत्मा ही मरी हुई होती है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी