Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2023 · 1 min read

*पेंशन : आठ दोहे*

पेंशन : आठ दोहे
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
पेंशन सबको चाहिए ,सबका यह अधिकार
जब बूढ़ा तन हो गया ,हो जाता बेकार
(2)
सरकारी क्या आम-जन ,सब की पेंशन चाह
नियम बनाओ इस तरह ,खोलो सब की राह
(3)
जीरा मुँह में ऊँट के ,तुच्छ राशि निरुपाय
अच्छी पेंशन दीजिए ,अच्छी जिससे आय
(4)
बंद बुढ़ापे में हुए , दफ्तर और दुकान
अपनी पेंशन हाथ में ,चलते सीना तान
(5)
बेटे-बहुएँ रख रहे ,आवभगत के साथ
देखो-परखो हर तरफ ,पेंशन जिनके हाथ
(6)
पेंशन कभी न बेचिए ,रखिए मोटी आय
दम देगी दमदार ही ,जब होंगे कृश-काय
(7)
व्यापारी खेता रहा ,जीवन-भर परिवार
सोचो पेंशन के बिना ,क्या उसका आधार
(8)
सुखमय यौवन बालपन ,वृद्धावस्था कष्ट
पतन देह-धन का हुआ ,पूॅंजी सारी नष्ट
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ऊँट के मुँह में जीरा = एक कहावत ,बहुत मामूली धन अथवा वस्तुएँ
निरुपाय = कुछ कर सकने में असमर्थ
आवभगत = खातिरदारी
दमदार = शक्तिशाली
खेता = नाव खेने के संदर्भ में ,पालन-पोषण
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 426 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
राजनीति की गरमी
राजनीति की गरमी
Acharya Rama Nand Mandal
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
భారత దేశం మన పుణ్య ప్రదేశం..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"क्या होगा?"
Dr. Kishan tandon kranti
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
Manisha Manjari
मीर की  ग़ज़ल हूँ  मैं, गालिब की हूँ  बयार भी ,
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
Neelofar Khan
पंख
पंख
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बेरोजगार लड़के
बेरोजगार लड़के
पूर्वार्थ
मुझको उनसे क्या मतलब है
मुझको उनसे क्या मतलब है
gurudeenverma198
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
सुन्दरता की कमी को अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है,
शेखर सिंह
चांद
चांद
Shekhar Chandra Mitra
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
वे वादे, जो दो दशक पुराने हैं
Mahender Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Seema Garg
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
2889.*पूर्णिका*
2889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको,
क़म्बख्त ये बेपरवाही कहीं उलझा ना दे मुझको,
Ravi Betulwala
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
अलग-थलग रहना तो उल्लुओं व चमगादड़ों तक को पसंद नहीं। ये राजरो
*प्रणय*
बदरिया जान मारे ननदी
बदरिया जान मारे ननदी
आकाश महेशपुरी
हिन्दी पर हाइकू .....
हिन्दी पर हाइकू .....
sushil sarna
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
*मंजिल मिलेगी तुम अगर, अविराम चलना ठान लो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
* हासिल होती जीत *
* हासिल होती जीत *
surenderpal vaidya
- तुम मेरे लिए आरुषि के समान -
- तुम मेरे लिए आरुषि के समान -
bharat gehlot
लघुकथा क्या है
लघुकथा क्या है
आचार्य ओम नीरव
हिंदी भाषा में प्यार है
हिंदी भाषा में प्यार है
Sonam Puneet Dubey
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
चाहता हूं
चाहता हूं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
Loading...