पृष्ठ- पृष्ठ पर प्यार के, पृष्ठ- पृष्ठ पर प्यार के, अद्भुत हैं संवाद । चंचल मन की वीचियाँ, स्वप्न करें आबाद ।। सुशील सरना / 6-9-24