पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
बांँधी गई नारी सरिता।
प्यासा झीलों से
कूओं का पानी मांँगे ।।
मैं नहीं और कोई
और ना तो और सही ।
ये ज़माना तो महज़
कहने को कहानी मांँगे ।।
नीलम शर्मा ✍️
पृष्ठों पर बांँध से
बांँधी गई नारी सरिता।
प्यासा झीलों से
कूओं का पानी मांँगे ।।
मैं नहीं और कोई
और ना तो और सही ।
ये ज़माना तो महज़
कहने को कहानी मांँगे ।।
नीलम शर्मा ✍️