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8 Mar 2024 · 1 min read

पृष्ठों पर बांँध से

पृष्ठों पर बांँध से
बांँधी गई नारी सरिता।
प्यासा झीलों से
कूओं का पानी मांँगे ।।
मैं नहीं और कोई
और ना तो और सही ।
ये ज़माना तो महज़
कहने को कहानी मांँगे ।।

नीलम शर्मा ✍️

1 Like · 120 Views
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