पूरे शहर में छाया है..
दीवारें खड़ी हो रही थी
यहाँ तो हर घर में
कमबख्त तोड़ने का
हौसला कहाँ से आया..
गली से चलकर
चौराहे से जुड़े हर घर में
यही एक जुमला चर्चे में आया
सुना है ढहा दी गयी है
कोई मूर्ति?
हर जगह सुर्खियों में यह
मामला छाया है।
जिधर नजर जाती है
हर पन्ने पर
पड़ोसी के मकान से
आने वाली आवाज में
बन्टू के किवाड़े
की दराज से
उसी चर्चा का साया है
कुछ-कुछ कान अब तक
समझ रहे थे कि
कहीं लेनिन की मूर्ति
को ढहाया है।
यही माजरा है जो
चर्चा का सैलाब बनकर
पूरे शहर में छाया है।
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शालिनी साहू
ऊँचाहार,रायबरेली(उ0प्र0)