Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2024 · 1 min read

पूरी ज़वानी संघर्षों में ही गुजार दी मैंने,

पूरी ज़वानी संघर्षों में ही गुजार दी मैंने,
लोग कहते हैं सफ़लता मुझे खैरात में मिल गई

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

76 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Good night
Good night
*प्रणय*
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/205. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
Sonam Puneet Dubey
बाखुदा ये जो अदाकारी है
बाखुदा ये जो अदाकारी है
Shweta Soni
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
*लेखा सबका रख रहे, चित्रगुप्त भगवान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शिक्षक दिवस
शिक्षक दिवस
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
युवा दिवस विवेकानंद जयंती
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
ध्वनि प्रदूषण कर दो अब कम
Buddha Prakash
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
डर  ....
डर ....
sushil sarna
न जाने  कितनी उम्मीदें  मर गईं  मेरे अन्दर
न जाने कितनी उम्मीदें मर गईं मेरे अन्दर
इशरत हिदायत ख़ान
ऊँ गं गणपतये नमः
ऊँ गं गणपतये नमः
Neeraj Agarwal
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
ये घड़ी की टिक-टिक को मामूली ना समझो साहब
शेखर सिंह
मृत्यु शैय्या
मृत्यु शैय्या
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"अहम का वहम"
Dr. Kishan tandon kranti
कामनाओं का चक्र व्यूह
कामनाओं का चक्र व्यूह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों हमसफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
Manoj Mahato
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
रिश्ता और परिवार की तोहमत की वजह सिर्फ ज्ञान और अनुभव का अहम
पूर्वार्थ
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इन हवाओं को न जाने क्या हुआ।
इन हवाओं को न जाने क्या हुआ।
पंकज परिंदा
सीख
सीख
Sanjay ' शून्य'
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
रूप यौवन
रूप यौवन
surenderpal vaidya
हिंदी भारत की पहचान
हिंदी भारत की पहचान
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...