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4 Dec 2017 · 1 min read

“पूनम की रात”

आज चाँद पूरी कला में है,
पूनम की रात जो है,
चाँदनी से मिलन की रात है,
देखो तो चाँदनी सोलह श्रृंगार में,
कितना इठला रही है,
ये सौंदर्य ये छटा ,
मानो अभी दुग्ध स्नान कर आयी हो,
मखमली रूप लिये,
जाने कितने स्वप्न सजोये,
धरा पर बिखर गयी है,
नहीं पता ये सब कुछ,
चार दिन का है,
फिर चाँद गुम हो जायेगा,
कुछ मधुर यादें छोड़ जायेगा,
रहने दो इन बातों को,
आज मचलने दो कुछ सपनों को,
कुछ कल्पना में रंग भरने दो,
कि आज पूनम की रात है||
…निधि…

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 1307 Views
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