पूजा
पूजा क्या है?
सच पूजा का
पता नहीं चलता।
करते रहो उम्र भर
बढत.ा कुछ भी नहीं
उम्र के सिवा।
पर‚उम्र का बढ़ना तो
घटना है।
घट जाता जरूर है
सपने और उम्मीद।
वस्तुतः जीवन की
घटनायें बदलने का
दंभ
पूजा नहीं भरती
पूजा में कोई जिस्मानी ताकत नहीं।
पूजा‚
रूह को करना है तैयार
निष्ठुर विश्व
झेलने हेतु।
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