Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2020 · 1 min read

— पूछ उन परिंदों से —

कितना खौफ्फ़ होता है
रात के अँधेरे में
जरा उन से पूछ कर देखो.
उन परिंदों से
जिन के घर नही होते
फिर भी वो हर दुःख सहता है

कितनी सर्द सी वो
रात होती है
जब तन पर कोई लिबास
नही हुआ करता है
मन कितना विचलित होता होगा
जब वो परिंदा
सो भी नही पाता होगा

न कोई पानी देने वाला
न ही दर्द पूछने वाला
कैसी आत्मा परेशां होती होगी
जब आँख से आंसू बहते होंगे
कितने अरमान संजोते होंगे
कितने दर्द वो सहते होंगे
पर पास कोई पूछने वाला नही होता होगा

कितना सुखी है तू इंसान
फिर भी न जाने क्यूं रोता रहता है
सर्द रात में घर से कदम निकाल
कर तो जरा एक बार देख
न हो जाए झ्खझोर दिल तेरा
गर्म और नर्म बिस्तर में
कितने आनंद के साथ तू सोता है
फिर भी न जाने क्यूं तू रोता है

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
1 Comment · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
मित्र
मित्र
लक्ष्मी सिंह
एक जमाना था...
एक जमाना था...
Rituraj shivem verma
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
3031.*पूर्णिका*
3031.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
इस्लामिक देश को छोड़ दिया जाए तो लगभग सभी देश के विश्वविद्या
Rj Anand Prajapati
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
तू बढ़ता चल....
तू बढ़ता चल....
AMRESH KUMAR VERMA
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज
कवि रमेशराज
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
*फूलों पर भौंरे दिखे, करते हैं गुंजार* ( कुंडलिया )
Ravi Prakash
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
राम का चिंतन
राम का चिंतन
Shashi Mahajan
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ
सुहासिनी की शादी
सुहासिनी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
বড় অদ্ভুত এই শহরের ভীর,
Sakhawat Jisan
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
नहीं जा सकता....
नहीं जा सकता....
Srishty Bansal
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
सुंदर शरीर का, देखो ये क्या हाल है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
"बहुत दिनों से"
Dr. Kishan tandon kranti
"करने वाला था नहीं, कोई दुआ-सलाम।
*प्रणय प्रभात*
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
तन पर तन के रंग का,
तन पर तन के रंग का,
sushil sarna
शिव - दीपक नीलपदम्
शिव - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
उपहार
उपहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सब अपने नसीबों का
सब अपने नसीबों का
Dr fauzia Naseem shad
Loading...