पुस्तक समीक्षा : बाल सुमन (सुश्री अनुभूति गुप्ता)
पुस्तक समीक्षा
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पुस्तक : बाल सुमन
लेखिका : सुश्री अनुभूति गुप्ता
संस्करण : प्रथम संस्करण(2016)
पृष्ठसंख्या : 46
मूल्य : ₹ 45
सुप्रसिद्ध कवयित्री, साहित्यकार ,समीक्षक , संपादक और स्वतंत्र लेखिका सुश्री अनुभूति गुप्ता द्वारा प्रणीत बालसाहित्य से संबंधित काव्य-संग्रह “बाल सुमन” बाल साहित्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय पुस्तक बनकर बाल-पाठकों के मन पर एक अमिट छाप छोड़ती है , क्यों कि इसमें एक और जहाँ बालक मन के भावों की सरल ,सहज और बोधगम्य अभिव्यक्ति है तो दूसरी और भाषा-शैली एवं शब्द-संयोजन की सरलता के साथ ही वर्तमान समय की आवश्यकता को मध्यनज़र रखते हुए बालक मन के भोलेपन की एक सहज तस्वीर खींची है | वह तस्वीर ,जो बालकों के कोरे हृदय पर सशक्त और बेहतरीन सोच को अंकित करने में सफल रहती है | सुश्री अनुभूति जी ने अपनी कविताओं को भावप्रधान और मूल्यपरक स्वरूप प्रदान करते हुए यह बताने की उदात्त चेष्टा की है , कि किस प्रकार वर्तमान आधुनिक-तकनीकी दौर में बालकों को बाल साहित्य से जोड़ा जाए | इसी सोच को विस्तार देती इनकी यह काव्यकृति कुल 34 बाल-कविताओं के माध्यम से प्रकृत्ति- संस्कृति-संस्कार की मूल को सिंचित करती हुई उन्हें पल्लवित-पुष्पित करके बाल-हृदय में इनका अंकुर प्रस्फुटित करती हैं |
आलोच्य बाल काव्य-संग्रह “बाल सुमन ” की शुरूआत बाल गोपाल “विहान” को समर्पित करते हुए कवयित्री ने काव्य-संग्रह की शुरूआत ईश्वर एवं माँ शीर्षक कविताओं से की है , जिससे यह ज्ञात होता है कि सुश्री अनुभूति जी बच्चों में संस्कार एवं सद्गुणों के विकास की प्रबल पक्षधर हैं | इसी क्रम में इन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से अपने व्यक्तित्व के साथ ही संस्कार एवं सद्गुण की अमिट छाप बच्चों के मानस-पटल पर प्रभावी रूप से अंकित की है | इसी के साथ कवयित्री ने अक्षर एवं शब्दों की बाजीगरी का रोचक और बेजोड़ प्रयोग करते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल दिया है | इनकी कविताओं में ईश्वर , माँ , प्रकृति , संस्कृति , सद्गुण , नैतिकता एवं धरती- सूरज-चाँद-सितारे तो हैं ही , साथ ही चूहा – बिल्ली – गिलहरी – तोता – उल्लू-चिड़िया – चींटी – हाथी – मछली – कोयल एवं शेर जैसे बच्चों के पसंदीदा जानवर
भी कविताओं के मुख्य पात्र हैं , जो बच्चों को आत्मिक सुख प्रदान करते हैं |
समग्र रूप से कहा जा सकता है कि कवयित्री सुश्री अनुभूति गुप्ता की काव्यात्मक एवं भावात्मक अभिव्यक्ति अपने आप में सहज , सरल , बोधगम्य , सुरम्य और सुगम्य तो है ही ,साथ ही प्रेरणास्पद ,अनुकरणीय और अनूठी भी है |
उज्ज्वल भविष्य की अनन्त शुभकामनाओं के साथ………..
डॉ०प्रदीप कुमार “दीप”
ढ़ोसी , खेतड़ी, झुन्झुनू (राजस्थान) खण्ड सहकारिता निरीक्षक ,
सहकारिता विभाग , राजस्थान सरकार
एवं
कवि , लेखक , समीक्षक, संपादक , साहित्यकार एवं जैवविविधता विशेषज्ञ
मो०- 9461535077