पुष्प पारिजात के
पुष्प पारिजात के
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* घनाक्षरी *
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मोहते सभी का मन, हैं बहुत खिले खिले।
दिव्यता लिए हुए हैं, पुष्प पारिजात के।
श्रृंगार हार नाम से, हैं जानते सभी इन्हें।
पवित्रता लिए हुए, पुष्प हैं ये रात के।
देवपूजा अर्चना में, भक्ति भावना के संग।
अर्पित हुए हैं नित्य, शिव शक्ति मात के।
हों खिली अधर सभी, कीजिए प्रयास यही
मुस्कुराहटें समान, पुष्प पारिजात के।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०९/१०/२०२०