Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2024 · 1 min read

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।

प्रेम करोगे प्रेम मिलेगा,
सदियों से जग की परिपाटी।
पैर धरा पर रखने वालों ,
का आदर करती है माटी।
धैर्यशीलता पौरुष बल है,
इसको खोना उचित नहीं।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।।

क्षमादान अरु दानशीलता,
सुखमय जीवन की परिभाषा।
मानव मन को द्वेष जुगुप्सा,
क्रोध दिलाते गहन निराशा।
अहंकार का बोझ शीश पर,
निशि-दिन ढोना उचित नहीं है।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।।

अधम भाव को प्रश्रय देना,
अवनति का जग में परिचायक।
जो जीवन परहित को अर्पित,
वही जगत में पूजन लायक।
मानव जीवन पाकर जग में
निष्ठुर होना उचित नहीं है।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।।

सुख का सपना देख रहे हो,
ज्योति जलाओ तो पथ रौशन।
मन उदार अरु सत्यनिष्ठ ही,
सदा करे हर मन पे शासन।
परहित से परहेज़ करे नर,
दुख में रोना उचित नहीं है।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।।

कीकर बोकर चाह आम्र की,
रखने वाला मुर्ख महाशठ।
जो भटके को राह दिखाये,
वही जगत में वीर महाभट।
निज पर जो उपकार करे जन,
परहित धोना उचित नहीं है।

पुष्पों की यदि चाह हृदय में, कण्टक बोना उचित नहीं है।।

✍️ संजीव शुक्ल ‘सचिन’

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 115 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
दर्द आंखों से
दर्द आंखों से
Dr fauzia Naseem shad
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
रे मन  अब तो मान जा ,
रे मन अब तो मान जा ,
sushil sarna
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
परेशानी बहुत ज़्यादा है इस दुनिया में जीने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मुझको तो घर जाना है
मुझको तो घर जाना है
Karuna Goswami
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
*स्वतंत्रता संग्राम के तपस्वी श्री सतीश चंद्र गुप्त एडवोकेट*
Ravi Prakash
घर के आंगन में
घर के आंगन में
Shivkumar Bilagrami
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा।
अनिल "आदर्श"
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अंगदान
अंगदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
वो कई बरस के बाद मिली थी मुझसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चश्मा
चश्मा
Awadhesh Singh
दिल में कुण्ठित होती नारी
दिल में कुण्ठित होती नारी
Pratibha Pandey
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आईना
आईना
Sûrëkhâ
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
गांधी जी और शास्त्री जी जयंती पर विशेष दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कोई भोली समझता है
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
मेंने बांधे हैं ख्बाव,
मेंने बांधे हैं ख्बाव,
Sunil Maheshwari
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
manjula chauhan
अपनी भूल स्वीकार करें वो
अपनी भूल स्वीकार करें वो
gurudeenverma198
इश्क चख लिया था गलती से
इश्क चख लिया था गलती से
हिमांशु Kulshrestha
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
Umender kumar
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
प्रभु रामलला , फिर मुस्काये!
Kuldeep mishra (KD)
#सवाल_और_समाधान-
#सवाल_और_समाधान-
*प्रणय प्रभात*
"निशानी"
Dr. Kishan tandon kranti
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
Loading...