“पुलिस”
“पुलिस”
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इसकी होती,एक अच्छी सी वर्दी;
सर पर टोपी है , कंधों पे है स्टार;
किसी संकट में , ना माने ये हार;
चुस्त- दुरुस्त रहता है , यह सदा;
अपराधी बचता, कहीं यदा-कदा;
पीछे पुलिस भागे , व चोर आगे;
हम सब जब सोते , पुलिस जागे;
चोरों को वो ले जाता है , हाजत;
हम सब की , करता ये हिफाजत,
नींद लेते जब हम , रात में सस्ती;
करता है वह गश्ती, बस्ती -बस्ती;
जब भी आये, कोई तीज-त्योहार;
नीज घर होता है, इनका इंतजार;
जाते नहीं ये तभी, अपने घर-बार;
लेते ये , हम सब के रक्षा का भार;
आदर दो, कानून के रखवाले को;
हर एक देशी खाकी वर्दी वाले को;
चाहे सिपाही हो, या यह निरीक्षक;
अधीक्षक हो,या ये कोई हवलदार;
जनता का , सबको ही मिले प्यार।
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…..✍️ पंकज ‘कर्ण’
…………कटिहार।।