Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Oct 2021 · 2 min read

पुरुष विमर्श

शीर्षक:– पुरूष विमर्श
◆◆◆◆◆◆◆

पारूल कुछ लिखना चाह रही थी पर समझ न आरहा था क्या लिखे।कभी कभी लगता था कि शब्द जैसे रूठ गये ।यूँ ही बेमन से मोबाइल में आये संदेशों को देख रही थी। एक संदेश पर नज़रटिकी
“हैलो मैम ,नमस्कार ”
“हैलो मैम, आप सदैव स्त्री विमर्श पर ,उनपर हुये अत्याचारों पर लिखती है न ?”
नाम देखा कोई विपुल था ।इसने ये सब क्यों पूछा?कुछ सोच जबाव लिखा,
“जी हाँ, सभी जानते हैं इस बात को ।पर आपने क्यों पूछा?”
“मैम ,स्त्री विमर्श से आपका आशय क्या है ?स्त्री स्वतंत्रता ,हर तरह की आजादी ?स्त्री होने का फायदा ?”
लगा बंदा आक्रोश में है। पर उसके सवाल ने पारुल के मन में हलचल मचा दी।
“जी नहीं, मैं स्त्री विमर्श में मानसिक आजादी की पक्षधर हूँ।मर्यादित ,संस्कारित नव ख्यालों की हिमायती हूँ। अर्धनग्न सभ्यता और तथाकथित हाई कल्चर की नहीं।”जबाव देते वक्त मन में तल्खी उभर आई थी।
“फिर किस आजादी को स्त्री विमर्श कहती हैं आप?किसी पति को बेवजह सताना ,कानून की धमकी देकर नाजायज दबाव बनाना ,दहेज एक्ट के नाम पर कुछ भी करने के लिए मानसिक प्रताड़ना ..यह कोई क्यों नहीं समझता।”
पारुल समझ गयी विपुल किसी दबाव में हैं।फोन पर बात करने की अनुमति दे दी पारुल ने।
“मैं मैं दो बार अपने बच्चों को खो चुका हूँ ।पहली बार गर्भ में चार माह का,और दूसरी बार जन्म लेते वक्त। क्या मुझे बाप बनने की तमन्ना नहीं?क्या मुझे दुख नहीं। पर ससुराल वालों का कहना कि मेरी वजह से ही दोनों बार बच्चे इसदुनियाँ में न आ सके। दहेज एक्ट और पत्नी को सताने का बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा कर जेल की धमकी।क्या यह कोई समझेगा?नारी के लिए बहुत लोग बिना सोचे समझे खड़े हो जाते हैं। पर पुरूष की पीड़ा ??मैम ,कभी हम जैसों की व्यथा को भी कलम का हिस्सा बनाइये।अगर आप सच में कलमकार.हैं।”
टुन टुन टुन ….जाने कितनी देर पहले फोन बंद हो चुका था।और पारुल निस्तब्ध

मनोरमा जैन पाखी
भिंड मध्य प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 908 Views

You may also like these posts

वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
सफ़र कोई अनजाना हो...
सफ़र कोई अनजाना हो...
Ajit Kumar "Karn"
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
मै पा लेता तुझे जो मेरी किस्मत करब ना होती|
Nitesh Chauhan
दिल की बात
दिल की बात
Poonam Sharma
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
सत्य
सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
जिन्हें देखना कभी जुनून था,
जिन्हें देखना कभी जुनून था,
हिमांशु Kulshrestha
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
मोदी राग
मोदी राग
जय लगन कुमार हैप्पी
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
आजकल
आजकल
Munish Bhatia
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*हम विफल लोग है*
*हम विफल लोग है*
पूर्वार्थ
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
55…Munsarah musaddas matvii maksuuf
sushil yadav
सच तो कुछ भी न,
सच तो कुछ भी न,
Neeraj Agarwal
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
मानवता दिल में नहीं रहेगा
मानवता दिल में नहीं रहेगा
Dr. Man Mohan Krishna
मै थक गया
मै थक गया
भरत कुमार सोलंकी
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
"रौनकें"
Dr. Kishan tandon kranti
समेट लिया है  मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
Neelofar Khan
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Pratibha Pandey
- वो लड़की बदनाम कर गई -
- वो लड़की बदनाम कर गई -
bharat gehlot
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
जय बोलो श्री राधे राधे
जय बोलो श्री राधे राधे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
साँझ
साँझ
sheema anmol
Loading...