Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2024 · 1 min read

पुरुष की वेदना और समाज की दोहरी मानसिकता

पुरुष की वेदना और समाज की दोहरी मानसिकता

पुरुषों को भी चाहिए होता है छोटी छोटी बातों से दिखने वाला लाड़-प्यार, उदास होने की थोड़ी सी आजादी, एक अटूट विश्वास भरा कांधा जहाँ सर रखकर वो भी रो सकें, और देर तक उनकी खामोशी का कोई साथी, पुरुषों में भी रहती है एक उपेक्षित स्त्री लेकिन समाज की दोहरी मानसिकता का एक उदाहरण ये भी है कि रोती हुई स्त्री को असहाय और रोते हुए पुरुष को स्त्री कह देते है..!

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम गांव वाले है जनाब...
हम गांव वाले है जनाब...
AMRESH KUMAR VERMA
संगत
संगत
Sandeep Pande
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
पुस्तकों की पुस्तकों में सैर
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं
मैं "परिन्दा" हूँ........., ठिकाना चाहिए...!
पंकज परिंदा
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
पूर्वार्थ
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
घर को छोड़कर जब परिंदे उड़ जाते हैं,
शेखर सिंह
काश.! मैं वृक्ष होता
काश.! मैं वृक्ष होता
Dr. Mulla Adam Ali
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
इश्क
इश्क
SUNIL kumar
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
औरत की दिलकश सी अदा होती है,
Ajit Kumar "Karn"
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हया
हया
sushil sarna
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
परामर्श शुल्क –व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
"" *पेड़ों की पुकार* ""
सुनीलानंद महंत
आंसू ना बहने दो
आंसू ना बहने दो
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आपको हम
आपको हम
Dr fauzia Naseem shad
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
प्रेमदास वसु सुरेखा
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
कहाँ तक जाओगे दिल को जलाने वाले
VINOD CHAUHAN
"क्या है जिन्दगी?"
Dr. Kishan tandon kranti
3132.*पूर्णिका*
3132.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
सृजन
सृजन
Bodhisatva kastooriya
सो चुके जीव सभी
सो चुके जीव सभी
Chitra Bisht
Loading...