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27 Jan 2018 · 1 min read

पुरा होता एक और कार्यकाल

साल दर साल,
पुरा होता एक और कार्य काल,
सफलता व असफलता पर तकरार,
सत्ता धारियों एवम् विपक्षियों में छिडी है रार,
जनता होती बेकरार,
टुटते सपने,टुटती आस,
टुटता हुआ जन विश्वास
दिवा स्वपनो पर मचता बवाल,
पुरा होता एक और कार्य काल।
अच्छे दिनो कि आस, के सपने,
देखे मैने,देखे तुमने,
कहाँ खो गये वो अच्छे दिन,
सपने हो गये छिन भिन्न,
बिफलता का होता मलाल,
पुरा होता एक और कार्य काल ।
सरकारें आती हैं,जाती हैं,
कैसे कैसे सपने दिखाती हैं,
गरीबी हटाओ के नारे से लेकर,
१५लाख कि आमद से होकर,
अच्छे दिनो के वादे को ढोकर,
जुमलों कि स्वीकारोक्ती से हो गये निढाल,
लो,पुरा होता एक और कार्य काल।
हम होंगे कामयाब,
एक दिन,
मन मे है विश्वास,
हम होंगे कामयाब,
किस दिन,
लिए हुए यह आस,
कब होंगे हम कामयाब ❗
कब आयेगी वह सरकार,
कौनसा होगा वह साल,
सफलताओं से पुर्ण
पुरा होता वह कार्य काल ।

Language: Hindi
1 Like · 202 Views
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