“पुरानी पेंशन का सम्मान दो”
अध्यापक का अधिकार दो,
पुरानी पेंशन का सम्मान दो.
ऐ सरकारे हिन्द मत ललकारो हमें,
हम वो जलता सैलाब है जिसमे
तेरा निशान तक जल जायेगा.
हमारी पेंशन वापिस करो, वरना तेरा वजूद मिट्टी मे मिल जायेगा.
हमें हमारी पहचान दो
पुरानी पेंशन का सम्मान दो
हवा का वो झोका है हम, जो
अब नहीं रुकेंगे.
पुरानी पेंशन तुम दो ना दो, अब हम छीन लेगे.
भीख नहीं मांगते तुमसे, हमें हमारा अधिकार दो.
पुरानी पेंशन का सम्मान दो,
अध्यापक का अधिकार दो.