Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Nov 2021 · 1 min read

पुराना शहर (पाँच दोहे)

पुराना शहर (पाँच दोहे)
■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
शहर पुराने हो गए , चक्रव्यूह अनजान
जाम सड़क ,कारें फँसीं ,यह ही है पहचान
(2)
अभियानों को हो गए ,चलते वर्ष पचास
हटा नहीं पर अतिक्रमण ,सबने किए प्रयास
(3)
राहें चौड़ी किस तरह ,रह पाएंगी आज
बाइक से सड़कें घिरीं ,इनका फैला राज
(4)
दो गज की दूकान है ,दो गज कब्जा और
सड़क अभागी हाँफती ,कहती कलियुग-दौर
(5)
खड़ी दुकानों पर दिखीं ,बाइक ताबड़तोड़
कल से ज्यादा आज हैं ,लगती प्रतिदिन होड़
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
1 Like · 163 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
Game of the time
Game of the time
Mangilal 713
*सच्चे  गोंड और शुभचिंतक लोग...*
*सच्चे गोंड और शुभचिंतक लोग...*
नेताम आर सी
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
*मनुष्य जब मरता है तब उसका कमाया हुआ धन घर में ही रह जाता है
Shashi kala vyas
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
#जालसाज़ों_की_दुनिया_में 😢😢
*प्रणय प्रभात*
जिंदगी तुझको सलाम
जिंदगी तुझको सलाम
gurudeenverma198
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
✍️✍️✍️✍️
✍️✍️✍️✍️
शेखर सिंह
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
*** पल्लवी : मेरे सपने....!!! ***
VEDANTA PATEL
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
उदास रात सितारों ने मुझसे पूछ लिया,
Neelofar Khan
💜सपना हावय मोरो💜
💜सपना हावय मोरो💜
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
मेरा केवि मेरा गर्व 🇳🇪 .
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
विद्या-मन्दिर अब बाजार हो गया!
Bodhisatva kastooriya
शैलजा छंद
शैलजा छंद
Subhash Singhai
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
Bikhari yado ke panno ki
Bikhari yado ke panno ki
Sakshi Tripathi
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
कुदरत
कुदरत
Neeraj Agarwal
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
Manju sagar
तन्हाई
तन्हाई
नवीन जोशी 'नवल'
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
ऐ दिल न चल इश्क की राह पर,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
आशा
आशा
Sanjay ' शून्य'
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
सकुनी ने ताउम्र, छल , कपट और षड़यंत्र रचा
Sonam Puneet Dubey
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
तूं मुझे एक वक्त बता दें....
Keshav kishor Kumar
I met Myself!
I met Myself!
कविता झा ‘गीत’
*वह अनाथ चिड़िया*
*वह अनाथ चिड़िया*
Mukta Rashmi
"एक नया सवेरा होगा"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
Loading...