पुण्य पताका फहरे
पुण्य पताका फहरे
यह पुण्य पताका फहरे
घर- घर हर घर तिरंगा लहरे
जन गण मन राष्ट्रगान
सबके कंठ से निकले
जय हिंद जय हिंद की नारा संसार में गूंजे।
यह पुण्य पताका..
प्रभात फेरियां जिधर से निकले
गुलाब,गेंदे की पंखुड़ियां बरसे
मातृ भूमि वंदन को
हर घर में थाली सजे
श्रृंगारित हो राष्ट्रध्वज
घर घर में फहरे।
यह पुण्य पताका..
संस्कृति सभ्यता से बेटियों की चूड़ियां खनके
गौरव, सौहार्द,गरिमा
से नतमस्तक हो शीश
गर्व से चौड़ा हो छाती, देश भक्ति में बाहें फड़के
यह पुण्य पताका फहरे
हर घर घर घर तिरंगा लहरे।
जय हिंद।
कविराज संतोष कुमार मिरी
रायपुर छत्तीसगढ़