*पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)*
पुण्य कमाए तब मिले, पावन पिता महान (कुंडलिया)
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पुण्य कमाए तब मिले , पावन पिता महान
जन्म दिव्य शुचि घर हुआ ,उत्तम शुभ श्रीमान
उत्तम शुभ श्रीमान , मिला परिवेश सहारा
टूटा था जो सूत्र , योग का जोड़ा सारा
कहते रवि कविराय , पिता मंगलमय पाए
विधि का धन्य विधान ,मिला फल पुण्य कमाए
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451