पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
किसी को चाहना
किसी से चाहना
किसी के लिए चाहना
और बावजूद इसके
उसके लिए कुछ भी ना कर पाना
दो कदम भी उनके साथ ना चल पाना
उससे भी अधिक पीड़ादायक होता है
उसी अपने का सब कुछ के बाद भी
बिल्कुल सहज व्यवहार ना करना
बिना किसी शिकवा शिकायत के
निश्चल मुस्कुराना….
उल्टे समझाना कि कोई बात नहीं
आज उदास नहीं , हताश हूं मैं
सचमुच आज खुद से निराश हूं मैं।
©अभिषेक पाण्डेय अभि