“पिरामिड”
“पिरामिड”
वो
देखो
पतन
चित्त पट्ट
शय औ मात
अहं टकराया
निशान छोड़ गया॥-1
क्या
भाव
सुझाव
दबोच लो
शिकार मिला
जाल तैयार है
धागे कमजोर हैं॥-2
ये
दृश्य
दर्शन
विसर्जन
श्री गणेशाय
माटी मोह मूर्ति
पूजा पाठ आराध्य॥-3
दो
मत
बे-मत
खटपट
घर बिगड़ा
टूटा आशियाना
मिल गया बहाना॥-4
जो
जैसा
जातक
नव ग्रह
शनि मंगल
जन्म की कुंडली
राहू केतू ग्रहण॥-5
महातम मिश्र ‘गौतम’ गोरखपुरी