पिरामिड
पिरामिड _सुषमा सिंह”उर्मि,,
है
आया
बसंत
आगमन
धरा गमकी
कुसुम कलिका
खुशी से महकी।
ऐ
धरा
चूनर
ओढ़े धानी
भंवरे करें
गुन गुंजन है
दरख़्त- पल्लवित।!!!