पिया याद रखना
जाते हो जाओ, पर याद रखना,
राह की मेरे पहचान रखना ।
आये जो सावन पिया मन-भावन,
बरसेंगे बदरा तरसेंगे नयना,
भीगेगा तन-मन,पिया य़ाद रखना।
फूलेगी सरसों, महकेंगी क्यारी,
कूकेगी कोयल,अम्बवा की डारी,
देह की गंध ये,पिया याद रखना।
वो पीपल छाँव वो बरगद की छाँव,
हम-तुम बसे जब सपनों के गाँव,
भूल न जाना सजन याद रखना ।
हृदय का दीपक, नेह की बाती,
प्रीत की राह मैं जलाऊँ दिन-राती,
प्रीत की राह, सदा याद रखना ।
आँगन बुहारुंगी घर-भर सवाँरुंगी,
खड़ी मैं देहरी बाट निहारुंगी,
लौट के आना, पिया याद रखना।
जाते हो जाओ पर याद रखना,
राह की मेरे पहचान रखना ।
———राजश्री———–