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18 Jan 2017 · 1 min read

पिया मिलन की बात

पिया मिलन की बात
सावन के भीगी भीगी रात

सुनीसुनी सी रात,मन भीगा
याद आई तेरी, मन बहका,

मंज़र थे कुछ जालिम से
याद आये दिन मिलन के

दूर गगन में जब बिजली चमकी,
बाँहे फैलाये तू लता सी चिपकी

आँहे तेरी, जैसे बजा राग मल्लाहर
सखी, जैसे बैठी हो कर सोलह शृंगार

सुर्ख नैनों मे आतुरता की धार ,
मधुर स्पर्श जैसे शीतल फुवार,

काली घटा मे चमकी मन की आग
सांसे तेरी छेढ़ गई समर्पण के राग

नभ में समाये बादल,भीगी भीगी रात
सो न पाये, करवटें बदलते बीती सारी रात,

सखी तुम में समाये हम, मिलन की सौगात
भूल नहीं पायेगें,दो दिलों की वह मुलाकात

तरसे पिया मिलन को, लोग कहें बरसात
अम्बर से बरसे जल,पिया मिलन की बात

सजन

Language: Hindi
612 Views

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