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29 Dec 2022 · 1 min read

पिया मिलन की आस

बदरवा घिर – घिर कर आयो थम . थम पड़े फुहार रे।
रग . रग में पर मोहे सताये पिया मिलन की आस रे।।

गोरी चलि कटि पर छैन रखी।
आँखिन में मद मदिरा छलकी।।
झूलन पर लै अब पैंग सखी।
भूले सुध निज तन की मन की।।

ढोलक पर ढप . ढप थाप पड़े औ हंस . हंस गवैं मल्हार रे।
रग . रग में पर मोहे सताये पिया मिलन की आस रे।।

कारो लहंगा पीरी चुंदरी।
पहरी निकली देवैं फुलकी।।
खेतन पर साजन बट जोहें।
हिय में प्रिय छवि को सोहें।।

पागल पवन झकोरा लेवे टप . टप गिरें रसाल रे।
रग . रग में पर मोहे सताये पिया मिलन की आस रे।।

Language: Hindi
2 Likes · 295 Views
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