—पितृ हमारे—
बिन आपके
हमारा कोई मोल नहीं है
बिन आपके
मार्गदर्शन से हमारा संसार है
आप जहाँ भी हो.
जिस जगह भी हो
हाथ जोड़ सब से पहले
हमारा आपको प्रणाम है
दो कदम न चल सकते हम
गर आशीर्वाद आपका जो न साथ है
रहूं आपके सानिध्य में हमेशा
यही तो दिया आपने हम को प्यार है
आशा नहीं रखता किसी से
निराश कभी होने न देना
गर चलूँ गलत राह पर मैं
हाथ पकड़ सही राह दिखाना
यही धुन मुझ पर हर वक्त सवार है
आपके आशीर्वाद से
आपका परिवार फलता फूलता रहे
इन हाथों से देने का कर्म करवाना
लेने को तो दिखता यहाँ सारा संसार है
ॐ शांति। .ॐ शांति। ॐ शांति।
अजीत कुमार तलवार
मेरठ