पिता
क्या कहे पिता के बारे में
कैसे व्यक्तित्व को बयां करें
साया पिता का हो जिस पर
वह इत्तराता है किस्मत पर
रक्षा कवच होता है पिता
परिवार का ढोता है बोझं
ऊपर से दिखता है सख्त
अंदर से होता है मोम
सब कुछ सह जाता है खामोशी से
दिल के दर्द को कह नहीं पाता
चाह कर भी वह रो नहीं पाता
दिखता हरदम है कठोर
क्या कहे पिता के बारे में
कैसे व्यक्तित्व को बयां करें
केशी गुप्ता
द्वारका दिल्ली