पिता
…………..,….पिता……………….
पिता एक
कल्प
वृक्ष है
बच्चों के लिए
जिसके
होते
होती हैं पूरी
सभी जिद
आशा
आकांक्षा
मिलती है
सीख
स्नेह
संरक्षण
संबल
मार्गदर्शन
जीवनपथ पर
जो है बडा
कंटीला
पथरीला
सीखते है
जीना
जिन्दगी को
पिता है
तो दिखता है
हर सपना
अपना
पिता वारता है
अपना जीवन
अपने
बच्चों के
लिए
किसी की
माँ से कम
नही उसका
बलिदान
वही तो है
धुरी समूचे
परिवार
की..
………
डा0 प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद बिजनौर