पिता
चिंता देखकर चेहरे पर तेरे
सबकुछ समझ जाता है
तुमसे कुछ कहे बिना ही वो
चिंता का कारण मिटा जाता है।।
बहुत प्यार करता है बच्चों से
लेकिन वो कभी जताता नहीं
सबकुछ करता है उनके लिए
कभी किसी को बताता नहीं।।
वो अपना ध्यान नहीं रखता
हम बच्चों के लिए ही सोचता है
कुछ शरारत करें हम कभी तो
सही राह दिखाते हुए डांटता है।।
इस दुनिया में विश्वास का
दूसरा नाम होता है पिता
अपनी औलाद पर सर्वस्व
न्यौछावर करता है पिता।।
कभी कोई साथ न दे तब भी
हमारा साथ देता है पिता
जो कभी टूटने ना दे हमें
वो हौसला होता है पिता।।
पिता तो परिवार के लिए
बरगद की तरह होता है
खुद धूप में खड़े रहकर भी
पूरे परिवार को छांव देता है।।
चिंता नहीं उसे अपनी कुछ भी
कपड़े पुराने हो तो भी फर्क नहीं
बच्चों के लिए काम करना पड़े
छोटा भी तो उसे कोई शर्म नहीं।।
हर घर का संरक्षक होता है पिता
सबकी जरूरतें पूरी करता है वो
कभी भी अपने लिए नहीं जीता
अपने लिए अंत में सोचता है वो।।
बच्चों के ऊंचाईयां छूने पर
बहुत ही खुश होता है पिता
रोना वो भी चाहता है कभी
लेकिन आंसू पी जाता है पिता।।
करता बहुत है प्यार बच्चों से
लेकिन दिखाता नहीं है पिता
उसको भी कभी गले लगा लो
बच्चों का प्यार चाहता है पिता।।
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