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22 Mar 2020 · 1 min read

पिता

माँ नैया , पतवार पिता हैं ।
जीवन का आधार पिता हैं ।

नहीं मुझे चिंता रोटी की ,
जब तक पालनहार पिता हैं ।

जिस माँ ने मुझको जन्म दिया ,
उसका भी संसार पिता हैं ।

संघर्षों में घिरी हूँ जब – जब ,
खड़े हुए , हर बार पिता हैं ।

भूल समझने की मत करना ,
कि तेरे , कर्जदार पिता हैं ।

बना हमें उत्तराधिकारी ,
ना लेते अधिकार पिता हैं ।

हृदय हुआ है तब -तब छल्ली ,
जब देखूं , लाचार पिता हैं ।

सभी ज़रूरत पूरी करते ,
मेरे तो सरकार पिता हैं ।

बिना स्वार्थ के हम बच्चों को ,
करते सच्चा प्यार पिता हैं ।

प्रतिभा स्मृति
दरभंगा (बिहार )

Language: Hindi
1 Comment · 336 Views
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