Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jul 2024 · 1 min read

पिता

मन बहुत भीगता है ,
पर रो नहीं सकता,
बाप से मजबूर ,
कोई हो नहीं सकता l

ज़रूरतें घर की,
सहूलियतें सबकी,
उसको याद रहती है,
अपनी खबर उसको
कम ही रहती है l

करता है सब कुछ ,
जो बस में होता है,
डाँटता है बच्चों को,
फिर खुद में रोता है l

रखता है रुख, सख्त बाहर से,
मोहब्बत को अंदर रखता है,
खुरखुरे से लगते पापा के अंदर ,
जज्बात का झरना बहता है l

मुनमुने के गुन गुने होने पर,
लगता बेफिक्र दिखने में,
अंदर बैचैन होता है,
छोड़ दोस्तों की महफ़िल,
दवा स्टोर में वो ,होता है l

मेरी हर चीज़ नई जैसी लगती है
कहकर,
पुराना कोट उसने उम्र भर , नही बदला ,
स्कूटर , घड़ी , चश्में के फ्रेम भी नहीं ,बदला ,
बेटे के कपड़ों शौकों उसके रंगों में,
कोई कमी रह न जाये कहीं,
सफेद शर्ट सफेद पेंट ही पहने,
कभी कपड़ों के रंग नहीं बदले ।

उनके सख्त लहजों को आज मैं,
पहचान पाता हूँ,
जो बातें गलत लगती थीं,
उनका अनुमान लगा पाता हूँ l

उनकी ज़िंदगी की अलमारी के पास,
कभी खड़ा हो जाता हूँ l
खोलता हूँ , देखता हूँ , नापता हूँ अनुभवों को,
पाँच खानों की इस अलमारी में ,
ज़मीन से बस दो खानों,
पहुंच पाता हूँ l

डॉ राजीव , “सागरी”
सागर म.प्र.

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
शीर्षक - चाय
शीर्षक - चाय
Neeraj Agarwal
" मयूरा "
Dr. Kishan tandon kranti
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
जाओ कविता जाओ सूरज की सविता
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना,
यादों के बीज बिखेर कर, यूँ तेरा बिन कहे जाना,
Manisha Manjari
जुएं में अर्जित धन जुएं से और धन कमाने की आकांक्षा में लोग अ
जुएं में अर्जित धन जुएं से और धन कमाने की आकांक्षा में लोग अ
Rj Anand Prajapati
Happy independence day
Happy independence day
Neeraj kumar Soni
दो सहेलियों का मनो विनोद
दो सहेलियों का मनो विनोद
मधुसूदन गौतम
सीख
सीख
Adha Deshwal
बेज़ार सफर (कविता)
बेज़ार सफर (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
"हम बड़ा तो हम बड़ा"
Ajit Kumar "Karn"
■ welldone
■ welldone "Sheopur"
*प्रणय*
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
चाय सी महक आती है तेरी खट्टी मीठी बातों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
अगर कभी किस्मत से किसी रास्ते पर टकराएंगे
शेखर सिंह
विश्वास मत तोड़ना मेरा
विश्वास मत तोड़ना मेरा
Sonam Puneet Dubey
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
Sanjay ' शून्य'
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
हृदय को ऊॅंचाइयों का भान होगा।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
ज़िंदगी की जंग
ज़िंदगी की जंग
Dr. Rajeev Jain
वो छोड़ गया था जो
वो छोड़ गया था जो
Shweta Soni
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
सत्य कुमार प्रेमी
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
हरवंश हृदय
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
गिरगिट रंग बदलने लगे हैं
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
सियासत नहीं रही अब शरीफों का काम ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
2934.*पूर्णिका*
2934.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"" *ईश्वर* ""
सुनीलानंद महंत
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
Loading...