पिता
कितने भोले कितने सीधे कितने सच्चे हैं मेरे पापा
कभी किसी का दिल ना दुखा या कितने अच्छे हैं मेरे पापा
गुस्सा तो बहुत दूर कभी तेज आवाज में कभी बोला नहीं
बस अपनी ममता और प्यार की छांव में सदा रखा हमें
मन की बात झठ से जान जाते हैं वह
मेरे पापा जो मेरे दिल की हर बात को जानते हैं वह
सदा हमेशा लाड प्यार से रखा
कभी खुद को हम बच्चों के लिए कभी सख्त ना रखा
दिल के इतने अच्छे हैं वह सबकी मदद को तैयार है रहते हैं
हमेशा मुस्कुराते हैं रहते पर अपने कभी तकलीफ को ना कभी बताते किसी को
सब कहते हैं कि सख्त होते हैं पापा पर मेरे पापा सख्त नहीं नरम दिल के हैं वह
आज याद आती है वह मेरी विदाई की रात मुझे विदा करते समय मुस्कुरा रहे थे वह पर
थोड़ा मुझसे दूर जाकर आंखों से आंसू बहा रहे थे वह
आंसू बहा अपना दिल हल्का कर रहे थे
पर अपने एक शब्द ना कहें कि अपनी लाडली को खुद से जुदा कर रहे थे वो
दुनिया की यह रीत निभानी थी उन्हें
मुझे विदा कर वह भी अपना फर्ज निभा रहे थे
पर आज दिल बहुत भारी हो रहा था अपनी पापा को रोते देख
कैसे रहपाऊंगी उनसे दूर उनकी छांव से दूर
पर फिर वापस आकर अपने चेहरे पर वह मुस्कान रख मुझे सीने से लगा समझा रहे थे वह
दूर कहां भेज रहा हूं तुझे मेरे दिल में तो रहती है सदा
जब भी तू मुझे याद करेगी तेरे पास रहेंगे तेरे पापा
बस पापा कहे आवाज देना मुझे झठ से तेरे पास आ जाऊंगा
कैसे कह दूं कि पापा सख्त होते हैं पर मेरे पापा तो दुनिया के सबसे अच्छे पापा है
*** नीतू गुप्ता