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13 Jun 2022 · 1 min read

पिता

पिता (कविता)

वटवृक्ष – कल्पवृक्ष घर का मुखिया ।

हर-पल सुख-दुःख में सदैव साथ निभाया ।।

अपने चेहरे के भाव छुपाकर ,

जिम्मेदारी निभाना ।

अपने बच्चों को उच्च शिखरों पर पहूंचाना ।।

कभी स्नेह , कभी डांट फटकार अनुशासन रखना ।

लेकिन जज्बातों , ख्वाहिशों को पूरा करना ।।

संघर्ष , साहस से मौन रहकर एकरुप परिवार रखना ।

सदा भविष्य संवारने पिता ही बलशाली रहना ।

राजू गजभिये
Writer & Counselor
दर्शना मार्गदर्शन केंद्र ,हिंदी साहित्य सम्मेलन बदनावर जिला धार (मध्यप्रदेश)
पिन 454660 Mob.6263379305
Email – gajbhiyeraju@gmail.com

2 Likes · 3 Comments · 672 Views
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