पिता
सागर की गहराई और
हिमालय का सीना सा पिता
शरद की ठीठूरती रातें और
चिलचिलाती धुप का महीना सा पिता
भले ही हो दीना सा पिता
गृहरूपी अँगूठी का नगीना सा पिता
दुःख पेश करते कभी ना पिता
घर की छत और घर का ज़ीना सा पिता
जिमेदारीयों में गूंथा बीना सा पिता ।
राजीव कुमार
कवाटर नंबर २०५८
सेकटर १२ डी
बोकारो 827012
झारखणड
भारत
मो ः ८७९७९०५२२४