Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2022 · 1 min read

पिता

बचपन मे अपने कंधे पर बिठाता है
धीरे-धीरे सहार दे खड़ा होना सिखाता है
उंगली पकड़ कर चलना भी बताता है
दौड़ते वक्त वो गिरने से बचाता है
वो और कोई नहीं मेरा पिता है।
सुबह उठकर स्कूल छोड़कर आता है
बिमार होने पर दवा दिला कर लाता है
नाराज़ होऊं तो बड़े लाड से मनाता है
गलती करूँ तो वो फटकार भी लगाता है
वो और कोई नहीं मेरा पिता है।
छोटी से छोटी ख्वाहिश पूरी करता है
देर से लौटने पर चिंतित भी हो जाता है
आंखों में आंसू ना आए उसका ख्याल भी रखता है
मैं सदैव मुस्कुराती रहूँ वो उसका ध्यान भी करता है
वो और कोई नहीं मेरा पिता है
अपने पैरों के दर्द को भी नज़रअंदाज़ कर देता है
एक बार कहने पर ही घुमाने ले चलता है
बड़ी सफाई से अपने जज्बात छुपा लेता है
मुझ पर आने वाली तकलीफों को वो रोक देता है
वो और कोई नहीं मेरा पिता है।
अपने से ज्यादा मेरी फिक्र करता है
बिना कहे कोई बात वो सब कुछ समझ जाता है
कुछ मांगने से पहले ही वो सामने रख देता है
खुद से ज्यादा मुझ पर वो अपनी जान लुटाता है
वो और कोई नहीं मेरा पिता है।

नव्या
गुरुग्राम

2 Likes · 2 Comments · 205 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पापा तुम बिन
पापा तुम बिन
Vandna Thakur
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
जो नहीं मुमकिन था, वो इंसान सब करता गया।
सत्य कुमार प्रेमी
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
"जुल्मो-सितम"
Dr. Kishan tandon kranti
HOW to CONNECT
HOW to CONNECT
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रचो
रचो
Rambali Mishra
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
प्रीत
प्रीत
Annu Gurjar
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
काव्य की आत्मा और अलंकार +रमेशराज
कवि रमेशराज
शत् कोटि नमन मेरे भगवन्
शत् कोटि नमन मेरे भगवन्
श्रीकृष्ण शुक्ल
मैं क्या लिखूँ
मैं क्या लिखूँ
Aman Sinha
मेरी #आज_सुबह_की_कमाई ....😊
मेरी #आज_सुबह_की_कमाई ....😊
करन ''केसरा''
सपनों में बिखरता जीवन
सपनों में बिखरता जीवन
कार्तिक नितिन शर्मा
अगर
अगर "स्टैच्यू" कह के रोक लेते समय को ........
Atul "Krishn"
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
लेकिन वतन तू जिन्दाबाद रहे
gurudeenverma198
अरे धर्म पर हंसने वालों
अरे धर्म पर हंसने वालों
Anamika Tiwari 'annpurna '
मोहब्बत तो अब भी
मोहब्बत तो अब भी
Surinder blackpen
होती जब वर्षा की कहर
होती जब वर्षा की कहर
उमा झा
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
पंकज परिंदा
आ बैठ मेरे पास मन
आ बैठ मेरे पास मन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बड़ा होने के लिए, छोटों को समझना पड़ता है
बड़ा होने के लिए, छोटों को समझना पड़ता है
Sonam Puneet Dubey
आएगा संस्कार खुद, वहां दौड़ कर पास.
आएगा संस्कार खुद, वहां दौड़ कर पास.
RAMESH SHARMA
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
वो चैन की नींद सो गए
वो चैन की नींद सो गए
Diwakar Mahto
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
Dr Archana Gupta
कर्म की खुशी
कर्म की खुशी
Sudhir srivastava
मेरे घर के दरवाजे
मेरे घर के दरवाजे
Minal Aggarwal
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
Loading...