पिता हैं धरती का भगवान।
पिता है धरती पर भगवान,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया
सही गलत में भेद बताया।
गढता है सच्चा इंसान
पिता है धरती पर भगवान।
कठिनाई में साथ रहा है,
सर पर हरदम हाथ रहा है ।
आशीर्वाद है वरदान,
पिता है धरती पर भगवान।
श्रम से बच्चों का पालन करता,
स्वयं प्रकाश बन राह दिखाता,
भर भर देता गुण की खान।
पिता है धरती पर भगवान।
कंधे से सदा सहारा देता
कम खाकर भी पालन करता,
इनके कार्य महान
पिता है धरती पर भगवान।।
#विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र
नरई संग्रामगढ प्रतापगढ़ उप्र 230141
मो 9198989831