पिता तुम हो महान
हे प्राणदाता
हे जीवनदाता
तुम हो महान , सबसे महान
अंगुली पकड़ के , मुझे चलना सिखाया
कांधे बिठाकर, मुझे हँसना सिखाया
एक एक खुशी का वो रखते है ध्यान
हे पिता तुम, सबसे महान
तुम हो महान, सबसे महान
जीवन के पथ पर भी चलना सिखाया
काँटो में चलकर मुझे तो बचाया
अपनी खुशी का न उनको है ध्यान
मेरे पिता है तो सबसे महान
तुम हो महान, सबसे महान
मुझे इस योग्य है तुमने बनाया
तन पे है कपड़ा, सर पे है छाया
जीवन को मेरे है स्वर्ग बनाया
तुम जैसा न इस जग में कोई महान
तुम हो महान, सबसे महान
मुझे तो उजालों का जीवन दिया
खुद के जलाएं अंधेरे दिए
दिन-रात दौड़े, पल भर न ठहरें
बेटे की इच्छा को पूरी जो करनी
हुआ है न होगा तो भगवान कोई
मेरे पिता तुम जैसा महान
तुम हो महान, सबसे महान