पिता जीवन का आधार
पिता को क्यों जमाना बेदर्द कहता है ?
क्यों कहावत है- “मर्द को दर्द नहीं ”
ये एक जटिल प्रश्न है?खोज तो सही।
मैं जानती ,महसूसती हर पल यही,
पिता का दर्द कोई झूठी दिखावा नहीं।
फिर क्यों?
जमाना मर्द को बेदर्द कहता है?
रात -दिन मेहनत कर घर आता है,
परिवार की खुशी के लिए जीता है।
बच्चों की परवरिश यही करता है,
स्व पीड़ा किसी से नहीं बताता है।
फिर क्यों?
जमाना पिता को बेदर्द कहता है?
अपनों को दुःख न हो इसके लिए
अपना दुःख-दर्द भी खोता है ।
बच्चों की खुशी के लिए जीता है,
पत्नी की जरूरतों को समझता है।
फिर क्यों?
जमाना पिता को बेदर्द कहता है ?
पौरूष बल ही तो पिता की जिन्दगी है,
विवशता अंदर दबाकर खुश रहता है।
अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाता है ,
बूढ़े माता-पिता को कंधे पर बैठाता है।
फिर क्यों?जमाना पिता को बेदर्द कहता है ?
रंजना सिंह “अंगवाणी बीहट ”
बेगूसराय, बिहार
मोबाइल नं .8789557798
रंजना सिंह ” अंगवाणी बीहट”