Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

” पिता की स्मृति”

पापा आप हमें बहुत याद आते हैं
आपके कहे शब्द हमें आज भी सुहाते हैं
आपके दिये संस्कार आज भी काम आते हैं
आपकी दी शिक्षा से ही तो असंभव को संभव बना पाते हैं

कठिन परिश्रम का पाठ था पढ़ाया आपने
चलो सत्य के मार्ग पर हमेशा यही तो सिखाया था आपने
ईमानदारी को समझो अनमोल रत्न अपना,
कर्म को समझो जीवन अपना,यही पथ तो दर्शाया था आपने
मां की विरक्ता में भी , ममत्व की पूर्णता का अहसास कराया था आपने

आज भी अकेले में ,आपको अपने समीप पाती हूं
तभी तो आपके स्नेहिल स्पर्श का ,आज भी अनुभव कर पाती हूं

मेरे जीवन का सदैव आदर्श थे आप
अश्रुपूर्ण नेत्रों से आपको श्रद्धा सुमन समर्पित करती हूं आज

कामिनी खुराना

1 Like · 207 Views
Books from Kamini Khurana
View all

You may also like these posts

अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
3625.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सोच बदलें
सोच बदलें
Dr. Bharati Varma Bourai
प्रकृति के स्वरूप
प्रकृति के स्वरूप
डॉ० रोहित कौशिक
जीने दें
जीने दें
Mansi Kadam
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
ज़ाम उल्फत के पिये भी खूब थे।
सत्य कुमार प्रेमी
शब्द जो कर दें निशब्द
शब्द जो कर दें निशब्द
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
साक्षात्कार - पीयूष गोयल
साक्षात्कार - पीयूष गोयल
Piyush Goel
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
सही कहो तो तुम्हे झूटा लगता है
Rituraj shivem verma
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
यूँ
यूँ
sheema anmol
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
रोमांटिक होना छिछोरा होना नहीं होता,
पूर्वार्थ
सुन मानसून ! सुन
सुन मानसून ! सुन
Ghanshyam Poddar
जाने कैसे आँख की,
जाने कैसे आँख की,
sushil sarna
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
कर्म प्रकाशित करे ज्ञान को,
Sanjay ' शून्य'
क्या ?
क्या ?
Dinesh Kumar Gangwar
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मां महागौरी
मां महागौरी
Mukesh Kumar Sonkar
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
मिली नही विश्वास की, उन्हें अगर जो खाद
RAMESH SHARMA
■ आखिरकार ■
■ आखिरकार ■
*प्रणय*
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
*दुल्हन के सुंदर हुए, लाल मेहॅंदी-हाथ (कुंडलिया)*
*दुल्हन के सुंदर हुए, लाल मेहॅंदी-हाथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अकेलेपन का अंधेरा
अकेलेपन का अंधेरा
SATPAL CHAUHAN
श्याम
श्याम
Rambali Mishra
"ऐ समन्दर"
Dr. Kishan tandon kranti
122 122 122 122
122 122 122 122
Johnny Ahmed 'क़ैस'
रामू
रामू
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Loading...