पिता की नसीहत
जाते हो परदेश पुत्र, नसीहत गांठ बांध दिल में रखना
निंदित कर्मों को छोड़ पुत्र, काम चाहे जो करना
परधन परदारा से दूरी, जीवन में हरदम रखना
परदारा को बहिन समझना,परधन धूल समझना
प्रेम शांति सच से रहना,कटु वचन न मुंह से कहना
नहीं मुसीबत से घबराना,न डरना और डराना
जहां रहो सुख चैन से रहना, मेहनत से न कतराना
हरदम दूर नशे से रहना, सेहत नहीं गंवाना
सफल रहेगी जीवन यात्रा, शुभाशीष यही है कहना