पिता का साया
जिसके सर पर पिता का साया है
वह खुद को हमेशा मजबूत पाता है
पापा हैं तो जीवन की हर खुशियां है
पापा से ही तो यह जग सारा है
क्या हुआ अगर पापा प्यार नहीं जताते पर
मेरी हर तकलीफ में सबसे ज्यादा वही तो परेशान है हो जाते
और पापा ही तो है जो उस परेशानी से झठ से है निकाल लेते
पापा ही तो घर की वह मजबूत नींव है
उस नीव पर खड़ा यह हमारा परिवार है
पापा से ही तो मां का श्रृंगार है
पापा से ही तो खुशियों की घर में बौछार है
पापा ने ही तो दिया वह खुला आसमान है
पापा ने ही तो दिए इन आंखों में वह सपने और पूरे होने की वह मजबूत इरादे
मेरे पापा ही तो है जिसने मुझे हमेशा झट से गले लगाया है
और पापा के सीने से लग मैंने हर दर्द को अपना भुलाया है
पापा से ही तो मिली वह ताकत है
जो हैअपने हर सपनों को पूरा कर रही हू
पापा ने मेरे हर कदम पर अपना हाथ बढ़ाया है
क्या कहूं और क्या लिखूं मैं पापा ने तो मेरे जीवन में खुशियां भरने को ना जाने कितना दर्द उठाया है
एक दिन नहीं ऐसा मेरा जिस दिन मां पापा को याद ना करें
बस एक वही है जीवन में मेरे भगवान जिसके आगे सर झुक जाता है और
फिर देख उन्हें अपनी हर तकलीफ भूल जाती हूं
*** नीतू गुप्ता