पिता का साथ
होता है पिता का साया
जैसै गर्म धूप में ठंडी छाया।
पिता कठोर सख्त नारियल समान
शख्स वहीं ही है असली भगवान।
मुखिया मालिक पिता से ही पहचान
पिता ही रहते बच्चों का अभिमान।
पिता की देख रेख में मिले सही राह,
मिलें मंजिल अंत में जो थी मनचाहा।
– सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान