*पिता का प्यार*
हूं एक बाप, मजबूर नहीं हूं मैं
तेरी हालत से अनजान नहीं हूं मैं
रोकर अपना दर्द नहीं जताता
कमज़ोरी की पहचान नहीं हूं मैं
माना है नहीं वक़्त अच्छा तेरा
तुझे अकेले छोड़ने वाला नहीं हूं मैं
इतना यक़ीन कर तुझे हारने नहीं दूंगा
मुसीबतों से डरने वाला नहीं हूं मैं
आया है तो गुज़र भी जाएगा
इस बुरे वक्त से डरने वाला नहीं हूं मैं
तेरे साथ डटकर खड़ा हूं बेटा
इसे हराने से पहले कहीं जाने वाला भी नहीं हूं मैं
है यक़ीन, मिलकर जीत जाएंगे हम
तेरे हौसलों की जीत देखना चाहता हूं मैं
तेरे चेहरे पर मुस्कान हो हमेशा
तुझे बुलंदियों पर देखना चाहता हूं मैं
मिले तुझे जीवन की हर ख़ुशी
तेरे संग कुछ पल और जीना चाहता हूं मैं
होगा मन मेरा प्रफुल्लित देखकर
तुझे सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते देखना चाहता हूं मैं
तू समझता है कठोर मुझे
तुझे सक्षम बनाना चाहता हूं मैं
पार पा सके हर मुश्किल से जो
वो हुनर तुझमें देखना चाहता हूं मैं
तुझे कमज़ोर कर देंगे मेरे आंसू
तुम्हारे सामने कभी रो नहीं सकता मैं
प्यार करता हूं तुमसे मैं अपनी जान से भी ज़्यादा
लेकिन तुझसे ये कह नहीं सकता मैं।