पिता का पत्र बेटी के नाम
बेटी दिवस पर एक पिता का पत्र बेटी के नाम ~
बिना पूंछे कही जाना नहीं,
कही जाने से मै न रोकूंगा,
हो सकता है हिदायत दूं मै,
लेकिन कभी न मै टोकूंगा,
बात सभी कहना मुझसे तू,
कोशिश करके मैं समझूंगा,
थोड़ा मेरे मन की करना,
कुछ तुझको आजादी दूंगा |
होकर रिटायर बैठ जाऊंगा,
काम नही कोई होगा मुझे,
बस तू रहे सुरक्षित हरदम,
फिक्र में हर रात बिताऊंगा |
हो चुका हूं बूढा अब बेटी,
विचार भी दकियानूसी हैं,
पर बेटी के छोटे कपड़ों पर,
होती बहुत काना फूसी है |
थोड़ा सा तू रख ले मान मेरा,
अब दांव पर है सम्मान तेरा,
तू बन कर सीधी सी लड़की,
कर देना रोशन नाम मेरा |
तू कर सब अपनी मर्जी से ही,
जमाना न तुझे बस कह पाए,
तेरा ये बूढा बाप बता अब,
तुझपर व्यंग ये कैसे सह पाए |
शालीन कहे, सुंदर भी कहे,
सब तुझमें देखें सीता मां,
लक्ष्मी से तेरी तुलना हो
ना दे कोई भद्दी सी उपमा |
बस है मेरी चाहत ये सदा,
तेरे गुणों से तेरी पहचान रहे,
बन कर उदाहरण यूं चलना,
हर बेटी का सम्मान रहे |
स्वरचित
अमित मौर्य
+91-7849894373