पिताजी तूसी ग्रेट हो
पिताजी तूसी ग्रेट हो
शर्मा जी एक अधिकारी के पद पर कार्य करते हैं | घर में पत्नी सीमा के अलावा इनके दो बच्चे प्रियंका और शशांक हैं | घर एक संयुक्त परिवार की तरह रहता है | घर में दादा – दादी के अलावा चाचा – चाची भी हैं | प्रियंका पढ़ने में होशियार है जबकि शशांक थोड़ा कमजोर है | उसका मन खेलने में ज्यादा लगता है | शर्मा जी की पत्नी एक घरेलू महिला हैं जिन्हें घर के कामों से ही फुर्सत नहीं मिलती | शर्मा जी ऑफिस के काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि उन्हें बच्चों के लिए समय ही नहीं मिलता | प्रियंका समझदार है वो अपनी पढ़ाई के लिए चाचा – चाची की मदद भी ले लेती है पर शशांक ऐसा नहीं करता |
प्रियंका घर के काम में भी हमेशा माँ की मदद किया करती | इसीलिए उसकी तारीफ़ हुआ करती जबकि शशांक को पढ़ाई के साथ – साथ घर के काम के लिए झिड़की मिला करतीं | जब भी शशांक को झिड़की मिलती वह उदास हो जाता | शशांक को लेकर शर्मा जी बहुत चिंतित हैं | परीक्षा नजदीक है और शर्मा जी शशांक के भविष्य को लेकर चिंतित हैं वह पास भी हो पायेगा कि नहीं |
एक दिन शर्मा जी शशांक के कक्षा शिक्षक से मिलने स्कूल जाते हैं और शशांक को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं | शशांक के कक्षा शिक्षक शशांक को घर पर पढ़ाने के लिए एक मंत्र देते हैं | शशांक के पिता ख़ुशी – ख़ुशी घर लौटते हैं और वे स्वयं शशांक को पढ़ाने की ठान लेते हैं | अब प्रियंका और शशांक को ही समय पर पढ़ाया जाने लगता है | और दोनों को उनके लेवल के अनुसार घर पर ही मॉडल प्रश्न पत्र द्वारा परीक्षा की तैयारी कराई जाती है | शशांक धीरे – धीरे अपने सभी प्रश्न पत्र में अपना प्रदर्शन बेहतर करने लगता है | शशांक चूंकि ज्यादा होशियार नहीं है तो उसे उसके स्तर के नीचे के प्रश्न हल करने को दिए जाते हैं जिन्हें वह ख़ुशी – ख़ुशी पूरा कर लेता है | उसकी भी घर के सभी सदस्य तारीफ़ करने लगते हैं जिससे उसका मनोबल बढ़ने लगता है | धीरे – धीरे शशांक को उसकी कक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार प्रश्न दिए जाने लगते हैं जिन्हें वह बहुत ही अच्छे तरीके से हल करने लगता है | बेहतर परिणाम आने से शशांक का आत्मविश्वास बढ़ने लगता है | वार्षिक परीक्षा में शशांक अपनी कक्षा में प्रथम स्थान से परीक्षा पास कर लेता है | घर में ख़ुशी का वातावरण निर्मित हो जाता है |
शशांक अपने पिता के चरणों में सिर रखकर उनके द्वारा किये गए प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद करता है और कहता है “ पिताजी तूसी ग्रेट हो “ | दूसरी ओर शशांक के पिता मन ही मन शशांक के कक्षा शिक्षक को धन्यवाद देते हैं और मन में ही कहते हैं “ टीचर जी तूसी ग्रेट हो “ |