पिता:एक अनूठी अभिव्यक्ति
पिता ने संघर्षों को चुना या संघर्षों ने पिता को चुना…
यह मैं आज तक ना समझ पायी।
बस इतना मालूम है…
पिता ही हैं जिनके कारण, मेरे जीवन में खुशियां हैं समाई।
पिता मेरे जीवन का महत्वपूर्ण किरदार है…
पिता मेरे जीवन की डोर हैं इसका आधार हैं।
बोली में कठोरता, दिल में प्रेम का भंडार हैं…
पिता इस जीवन का प्यारा – सा संसार हैं।
पिता इस धरा पर सबसे विशेष हैं…
वह साथ हैं इसीलिए, जीवन में ना कोई दुख शेष है।
मेहनत से अपनी लिखते हैं, वह हमारा सुनहरा कल…
परेशानियों में भी, ना होते कभी विफल।
करूं मैं भी अब अपने पिता की आशा को पूरी…
ना रह जाए कोई भी इच्छा उनकी अधूरी।
जीवन में ना आए अब उनके कोई गम…
ना हो उनकी आंखें अब कभी भी नम।
खुशियों से भरा हो उनका जीवन…
साथ रहूं मैं पिता के ना छूटे उनका दामन।
उनका साया रहे मेरे साथ…
सर पर रहे आशीर्वाद स्वरूप हाथ।
मुझसे ना कभी कोई गलती हो…
मेरे पिता के जैसी मेरी भी अभिव्यक्ति हो।
मुझसे जो उम्मीदें हैं उनकी वो न कभी टूटे…
जीवन में ना मुझसे वह कभी भी रूठें।
ईश्वर से मैं एक यही ख्वाहिश करती हूँ
पिता मेरे हमेशा खुश रहे…
एक छोटी सी ये फरमाइश करती हूं।
खो दी जिन्होंने अपनी हमारे लिए संपूर्ण जिंदगानी…
ये ही है मेरे पिता की कहानी।
_ज्योति खारी