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19 Apr 2024 · 2 min read

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उस समय गाॅंव में किसी के दरवाजे पर ट्रैक्टर होना बहुत बड़ी बात थी। जिसके दरवाजे पर मवेशियों के साथ ट्रैक्टर भी खड़ा रहता था, उनकी गिनती गाॅंव के रसूखदार और हस्ती वाले परिवार में किया जाता था। खेती कार्य से अलग हट कर ट्रैक्टर का उपयोग बतौर सवारी गाड़ी भी किया जाता था। कहीं आने जाने के लिए लोग ट्रैक्टर की सीट के ठीक पीछे गद्दा लगाकर बैठते और इसमें उन्हें अपनी रईसी की झलक नजर आती थी। आजकल वेशकीमती गाड़ी पर बैठकर भी उस आनंद का अनुभव नहीं, जितना कि उस समय ट्रैक्टर पर बैठकर यात्रा करने में आता था। मेरे यहाॅं भी नया इंटरनेशनल ट्रैक्टर आया था। नया ट्रैक्टर होने के कारण उत्साह से पहली बार ननिहाल माॅं के साथ ट्रैक्टर टेलर पर ही गये थे। उस समय आज कल की तरह सड़कें अच्छी नहीं थी, इसलिए जिस दिन जाना था,उस दिन हम लोग सुबह चार बजे ही घर से निकल गये थे और उबड़-खाबड़ कच्ची सड़कों पर हिचकोले खाते हुए चार-पांच घंटे की बदन तोड़ने वाली यात्रा के बाद आखिर ननिहाल पहुॅंच गये थे। पहली यात्रा में ही ट्रैक्टर पर सवारी करने का नशा उतर गया था। पहुॅंचने के साथ ही नानी के हाथ से दही चूड़ा खाने के बाद ही दिल को शान्ति मिली और मन को आराम। वैसे पहले फारबिसगंज से ट्रेन पकड़ कर प्रतापगंज जाना होता था और फिर वहाॅं से ननिहाल। गाड़ी फारबिसगंज से चलकर जब ललितग्राम स्टेशन पहुॅंचती थी,तो वहाॅं लगभग आधा घंटा चालीस मिनट के लिए रुकती थी।रेलवे अभियंत्रण के एक अजीब कारनामा से यहाॅं सहज साक्षात्कार होता था। गाड़ी का इंजन आगे से खुलकर पीछे की ओर लगता था, तब कहीं जाकर गाड़ी आगे के लिए बढ़ती थी। इंजन को आगे से पीछे लगाने की बात पर बचपन में मैं अपने आप में उलझ कर रह जाता।अजीब छटपटाहट होती थी कि जिधर से आये हैं,फिर उसी दिशा में जाने से कैसे पहुॅंच पाएंगे ? यह मेरे लिए एक यक्ष प्रश्न ही था। इस बीच ललितग्राम स्टेशन पर उतरकर यात्री आराम से चाय नाश्ता करते थे। इस स्टेशन का नाम कांग्रेस सरकार में रेलवे मंत्री के पद पर रहे स्व० ललित बाबू के नाम पर था, जिनका पैतृक ग्राम बलुवा बगल में ही था। ललित बाबू के प्रयास से ही यातायात में पिछड़े इस क्षेत्र को रेलवे से जोड़ा गया था। भारतीय राजनीति में सक्रिय ललित बाबू और जगन्नाथ बाबू का घर नजदीक में होने के कारण राजनीति की महीन और उलजलूल बातें भी यहाॅं जमकर होती थी,जैसे यहाॅं के लोगों को राजनीति का ज्ञान पुश्तैनी में मिला हो।

Language: Hindi
139 Views
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